पूज्या मां श्री के चरणों में बारंबार वंदन ...
सभी को सादर जय जिनेंद्र
प्रति माह की तरह आज की ऋषभांचल युवा संगम की बैठक सानन्द सम्पन्न हुई। पूज्य मां श्री जी से संयम जैन जी ने प्रश्न किया कि हम दसलक्षण का पर्व केवल 10 दिन ही क्यों मनाते हैं? शंका समाधान करते हुए मां श्री जी ने कहा कि वैसे तो पूरे वर्ष ही करना चाहिए परन्तु ये 10 दिन विशेष रूप से किया जाता है क्योंकि ये समय वर्षा ऋतु का होने से शरीर में पाचनशक्ति कमजोर होती है एवं शास्त्रानुसार प्रलय के बाद इसी दिन से (उत्तम क्षमा) से मानव जीवन की पुनः शुरुआत होती है इसलिए इन दिनों के आने से एक नई ऊर्जा का प्रवाह होता है।* आशुतोष जैन ने शंका की प्रलय काल यही आता है या हर जगह? इस पर पूजा मां श्री जी ने हमें जम्बूद्वीप की रचना समझाई जिसमें उन्होंने बताया की प्रलय भरत क्षेत्र के 6 खंडों में से एक आर्य खंड होती है जिसके अनेक कारण होते हैं। मां श्री जी ने बताया की भूकंप ,बाढ़ और कोरोना महामारी जैसे आंशिक प्रलय भी समय-समय पर होती रहती हैं। जिसमें मुख्य कारण आज कल होने वाले प्रदूषण जल प्रदूषण, वायु प्रदूषण और विचारों का प्रदूषण, हमारे अंदर अनेक विचार आते हैं उनकी वजह से भी यह आंशिक जिन्हें क्षेत्रीय प्रलय भी कहा जाता है, होते रहते हैं उन्होंने कहा कि मन में प्रश्न होता है की एक साथ इतने जीवो की मृत्यु कैसे हुई इसके समाधान में मां श्री जी ने एक उदाहरण दिया सगर चक्रवर्ती जिनके 60000 पुत्र कैलाश पर्वत पर खाई खोदते हुए एक साथ मृत्यु को प्राप्त हुए और उनमें से सिर्फ एक ही पुत्र(भगीरथ) जीवित रहा जिसका कारण पूर्व में एक गांव के लोगों के द्वारा मुनियों की निंदा और तिरस्कार करने के कारण पाप बंध हुआ और उनमें से एक किसान जो बाहर गया हुआ था उसने मुनियों का सम्मान सत्कार किया जिससे पुण्य प्राप्त कर वह अगले भव में भगीरथ बने जो गंगा को लेकर आए ।आशुतोष भैया ने इस पर शंका व्यक्त की जब हम वहां जा ही नहीं सकते तो उन मन्दिरों का क्या फायदा? इस पर मां श्री जी ने कहा की पंचम काल में होने वाले विचारों के कारण ही सगर चक्रवर्ती ने खाई बनवाई थी जिससे मंदिरों की अवहेलना ना की जा सके साथ ही मां श्री जी ने कहा कि यह भी हो सकता है कि वह एक ऊर्जा का वर्तुल हो जिसके अंदर प्रवेश करना कठिन हो यदि हम अपनी ऊर्जा को उस तरंगों से मिला लेंगे तो हम उसके अंदर प्रवेश कर सकते हैं परंतु प्रवेश करते ही हमारे विचार भी बदल जाएंगे और उसी रूप हो जाएंगे।पूज्य मां श्री जी ने सभी को आशीर्वाद दिया 🙌🏻
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