Online Ritual
Home
JAINISM
Namokar mantra
Bhaktamar Stotra
Parasnath Stotra
Mahaveerashtak
Maa Shri Kaushal ji Pravachan
Aarti Sangreh
All Aarties
Ganesh ji aarti
गणेश जी की आरती
Ambe ji aarti
Laxmi ji aarti
Hanuman ji aarti
Chalisa Sangreh
All Chalisas
Hanuman ji Chalisa
Shiv Chalisa
Durga Chalisa
Buddhism
Problems in life?
Christian
Navratri pooja
About
Online Ritual
Home
JAINISM
Namokar mantra
Bhaktamar Stotra
Parasnath Stotra
Mahaveerashtak
Maa Shri Kaushal ji Pravachan
Aarti Sangreh
All Aarties
Ganesh ji aarti
गणेश जी की आरती
Ambe ji aarti
Laxmi ji aarti
Hanuman ji aarti
Chalisa Sangreh
All Chalisas
Hanuman ji Chalisa
Shiv Chalisa
Durga Chalisa
Buddhism
Problems in life?
Christian
Navratri pooja
About
Mahaveerashtak Stotra
यदीये चैतन्ये मुकुर इव भावाश्चिदचित:,
समं भान्ति ध्रौव्य-व्यय-जनि-लसन्तोन्तरहिता:|
जगत्साक्षी मार्ग-प्रकटनपरो भानुरिव यो,
महावीर-स्वामी नयन-पथ-गामी भवतु मे ||१||
अताम्रं यच्चक्षु: कमल-युगलं स्पन्द-रहितम्,
जनान्कोपापायं प्रकटयति बाह्यान्तरमपि|
स्फुटं मूर्तिर्यस्य प्रशमितमयी वातिविमला,
महावीर-स्वामी नयन-पथ-गामी भवतु मे ||२||
नमन्नाकेन्द्राली-मुकुट-मणि-भा-जाल-जटिलम्,
लसत्पादाम्भोज-द्वयमिह यदीयं तनुभृताम्|
भवज्ज्वाला-शान्त्यै प्रभवति जलं वा स्मृतमपि,
महावीर-स्वामी नयन-पथ-गामी भवतु मे||३||
यदर्चा-भावेन प्रमुदित-मना दर्दुर इह,
क्षणादासीत्स्वर्गी गुण-गण-समृद्ध: सुख-निधि:|
लभन्ते सद्भक्ता: शिव-सुख-समाजं किमु तदा,
महावीर-स्वामी नयन-पथ-गामी भवतु मे ||४||
कनत्स्वर्णाभासोऽप्यपगत-तनुर्ज्ञान-निवहो,
विचित्रात्माप्येको नृपति-वर-सिद्धार्थ-तनय:|
अजन्मापि श्रीमान् विगत-भव-रागोऽद्भुत-गतिर्,
महावीर-स्वामी नयन-पथ-गामी भवतु मे ||५||
यदीया वाग्गङ्गा विविध-नय-कल्लोल-विमला,
वृहज्ज्ञानाभ्भोभिर्जगति जनतां या स्नपयति|
इदानीमप्येषा बुध-जन-मरालै: परिचिता,
महावीर-स्वामी नयन-पथ-गामी भवतु मे ||६||
अनिर्वारोद्रेकस्त्रिभुवन-जयी काम-सुभट:,
कुमारावस्थायामपि निज-बलाद्येन विजित:|
स्फुरन्नित्यानन्द-प्रशम-पद-राज्याय स जिन:,
महावीर-स्वामी नयन-पथ-गामी भवतु मे ||७||
महामोहातंक-प्रशमन-पराकस्मिकभिषक्,
निरापेक्षो बन्धुर्विदित-महिमा मंगलकर:|
शरण्य: साधूनां भव-भयभृतामुत्तमगुणो,
महावीर-स्वामी नयन-पथ-गामी भवतु मे ||८||
महावीराष्टकं स्तोत्रं भक्त्या ‘भागेन्दुना’ कृतम् |
य: पठेच्छ्रुणेच्चापि स याति परमां गतिम्|
Shree Mahaveeray Namah